स्वयं को समझना Ch (2) Practice Quiz in Hindi Part 1 || Class 11 Home Science Practice Quizzes in Hindi Posted on March 8, 2025March 8, 2025 by Anshul Gupta0% 0 votes, 0 avg 0 स्वयं को समझना Ch (2) 1 / 201. लड़कियों में यौवनारम्भ का प्रतीक क्या है? A. आवाज़ का बदलना B. मासिक धर्म का शुरू होना C. शरीर के बालों का आना D. स्तनों का विकास व्याख्या: लड़कियों में मासिक धर्म का शुरू होना यौवनारम्भ का प्रतीक माना जाता है। 2 / 202. अधिकांश पश्चिमी संस्कृतियों में किशोरों से क्या अपेक्षा की जाती है? A. वे अपने परिवार से अलग होकर आत्मनिर्भर बनें। B. वे अपने परिवार के व्यवसाय में शामिल हों। C. वे अपने परिवार के फैसलों का पालन करें। D. वे अपने परिवार के साथ रहें। व्याख्या: अधिकांश पश्चिमी संस्कृतियों में किशोरों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने परिवार से अलग होकर आत्मनिर्भर बनें। 3 / 203. एरिक एरिक्सन के अनुसार, किशोरावस्था का मुख्य कार्य क्या है? A. आत्मनिर्भर बनना B. पहचान की भावना का विकास करना C. शारीरिक परिवर्तनों को समझना D. सामाजिक संबंध बनाना व्याख्या: एरिक एरिक्सन के अनुसार, किशोरावस्था का मुख्य कार्य पहचान की भावना का विकास करना है, यानी यह समझना कि “मैं कौन हूँ”। 4 / 204. किशोरों में “मंच पर रहने” की भावना का क्या अर्थ है? A. वे हमेशा दूसरों की राय की परवाह करते हैं। B. उन्हें लगता है कि वे हमेशा दूसरों के ध्यान के केंद्र में हैं। C. वे हमेशा दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। D. वे हमेशा अपने बारे में बात करते रहते हैं। व्याख्या: “मंच पर रहने” की भावना का अर्थ है कि किशोरों को लगता है कि वे हमेशा दूसरों के ध्यान के केंद्र में हैं और हर कोई उन्हें देख रहा है। 5 / 205. शिशु को कब अपनी छवि की पहचान होने लगती है? A. 18 महीने की उम्र में B. जन्म के समय C. 6 महीने की उम्र में D. 2 साल की उम्र में व्याख्या: शिशु को लगभग 18 महीने की उम्र में अपनी छवि की पहचान होने लगती है। इससे पहले, उसे अपने और बाहरी दुनिया के बीच का अंतर समझ नहीं आता। 6 / 206. “आदर्श स्वयं” से क्या तात्पर्य है? A. जैसा समाज व्यक्ति को देखना चाहता है B. जैसा व्यक्ति दूसरों को दिखना चाहता है C. जैसा व्यक्ति बनना चाहता है D. जैसा व्यक्ति वास्तव में है व्याख्या: “आदर्श स्वयं” का अर्थ है जैसा व्यक्ति बनना चाहता है, यानी उसके आदर्श और लक्ष्य। 7 / 207. प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चे “स्वयं” का वर्णन कैसे करते हैं? A. अपने शारीरिक गुणों और कार्यों के आधार पर B. अपनी तुलना दूसरों से करके C. अपने आदर्श स्वयं के आधार पर D. अपनी आंतरिक विशेषताओं के आधार पर व्याख्या: प्रारंभिक बाल्यावस्था में, बच्चे “स्वयं” का वर्णन अपने शारीरिक गुणों “मैं लंबा हूँ”) और कार्यों “मैं साइकिल चला सकता हूँ”) के आधार पर करते हैं। वे अभी तक अपनी तुलना दूसरों से नहीं करते।8 / 208. लड़कों में यौवनारम्भ का प्रतीक क्या है? A. शुक्राणु का उत्पादन B. आवाज़ का बदलना C. दाढ़ी का आना D. शरीर के बालों का आना व्याख्या: लड़कों में शुक्राणु का उत्पादन यौवनारम्भ का प्रतीक माना जाता है। 9 / 209. किशोरावस्था में शारीरिक परिवर्तनों का मनोवैज्ञानिक प्रभाव किस पर निर्भर करता है? A. व्यक्ति के सामाजिक परिवेश पर B. व्यक्ति की संस्कृति पर C. व्यक्ति के पारिवारिक परिवेश पर D. उपरोक्त सभी पर व्याख्या: किशोरावस्था में शारीरिक परिवर्तनों का मनोवैज्ञानिक प्रभाव व्यक्ति की संस्कृति, सामाजिक परिवेश, और पारिवारिक परिवेश, सभी पर निर्भर करता है।10 / 2010. किशोरावस्था में “स्वयं” की क्या विशेषताएँ हैं? A. इसमें काफी उतार-चढ़ाव हो सकता है। B. इसमें कई विरोधाभास हो सकते हैं। C. यह संक्षिप्त और विचार-आधारित होता है। D. उपरोक्त सभी व्याख्या: किशोरावस्था में “स्वयं” का वर्णन संक्षिप्त होता है और इसमें कई विरोधाभास और उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। 11 / 2011. “स्वयं” के विकास को कौन से कारक प्रभावित करते हैं? A. सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ B. उपरोक्त सभी C. भावात्मक और संज्ञानात्मक परिवर्तन D. जैविक और शारीरिक परिवर्तन व्याख्या: “स्वयं” का विकास जैविक, शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, भावात्मक, और संज्ञानात्मक, सभी प्रकार के परिवर्तनों से प्रभावित होता है। 12 / 2012. यौवनावस्था का क्या अर्थ है? A. वयस्कता का पहला चरण B. किशोरावस्था का पहला चरण C. यौन परिपक्वता की आयु D. वह अवधि जिसमें शारीरिक परिवर्तन होते हैं व्याख्या: यौवनावस्था का अर्थ है वह अवधि जिसमें शारीरिक और जैविक परिवर्तन होते हैं और यौन परिपक्वता आती है। 13 / 2013. भारत में, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के किशोर क्या करते हैं? A. वे परिवार की आय में योगदान करते हैं। B. वे अपने परिवार के फैसलों में कोई भूमिका नहीं निभाते। C. वे अपने परिवार से अलग हो जाते हैं। D. वे उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। व्याख्या: भारत में, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के किशोर अक्सर परिवार की आय में योगदान करते हैं। 14 / 2014. किशोरावस्था को पहचान के विकास के लिए महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है? A. इस समय व्यक्ति "स्वयं" को जानने में अधिक रुचि लेता है। B. उपरोक्त सभी C. इस समय शारीरिक परिवर्तन तेज़ी से होते हैं। D. इस समय सामाजिक अपेक्षाएँ बदलती हैं। व्याख्या: किशोरावस्था में शारीरिक परिवर्तन, बदलती सामाजिक अपेक्षाएँ, और “स्वयं” को जानने की बढ़ती रुचि, सभी मिलकर इसे पहचान के विकास के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। 15 / 2015. भारतीय संदर्भ में, अधिकांश किशोर कैसे होते हैं? A. वे अपने माता-पिता के साथ कोई संबंध नहीं रखते। B. वे अपने माता-पिता पर काफी हद तक निर्भर होते हैं। C. वे अपने माता-पिता के फैसलों में कोई भूमिका नहीं निभाते। D. वे अपने माता-पिता से पूरी तरह स्वतंत्र होते हैं। व्याख्या: भारतीय संदर्भ में, अधिकांश किशोर अपने माता-पिता पर काफी हद तक निर्भर होते हैं। 16 / 2016. यौवनारम्भ का क्या अर्थ है? A. किशोरावस्था की शुरुआत B. शारीरिक विकास की शुरुआत C. यौन परिपक्वता की आयु D. वयस्कता की शुरुआत व्याख्या: यौवनारम्भ का अर्थ है यौन परिपक्वता की आयु, जब शरीर प्रजनन के लिए तैयार होता है। 17 / 2017. मध्य बाल्यावस्था में बच्चे में कौन सा महत्वपूर्ण परिवर्तन आता है? A. उपरोक्त सभी B. वे अपने आदर्श स्वयं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। C. वे अपनी तुलना दूसरों से करने लगते हैं। D. वे अपने शारीरिक गुणों का वर्णन कम करते हैं। व्याख्या: मध्य बाल्यावस्था में, बच्चे न केवल अपनी तुलना दूसरों से करने लगते हैं, बल्कि वे अपने आदर्श स्वयं के बारे में भी सोचने लगते हैं। साथ ही, वे अपने शारीरिक गुणों का वर्णन कम करते हैं और अपनी आंतरिक विशेषताओं पर ज़्यादा ध्यान देते हैं। 18 / 2018. पारंपरिक भारतीय समाज में यौवनारम्भ के बाद लड़कियों पर क्या प्रभाव पड़ता है? A. उन पर कई प्रतिबंध लग जाते हैं। B. वे लड़कों के समान स्वतंत्र हो जाती हैं। C. उन्हें अधिक स्वतंत्रता मिलती है। D. उनके जीवन में कोई बदलाव नहीं आता। व्याख्या: पारंपरिक भारतीय समाज में यौवनारम्भ के बाद लड़कियों पर कई प्रतिबंध लग जाते हैं, जबकि लड़कों को पहले जैसी ही स्वतंत्रता मिलती रहती है। 19 / 2019. “स्वयं” शब्द का क्या अर्थ है? A. केवल सामाजिक भूमिकाएँ B. केवल मानसिक क्षमताएँ C. शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विशेषताओं का समूह D. केवल शारीरिक विशेषताएँ व्याख्या: “स्वयं” में सिर्फ़ शारीरिक या मानसिक विशेषताएँ ही नहीं, बल्कि सामाजिक भूमिकाएँ भी शामिल होती हैं। यह एक व्यक्ति के पूर्ण अस्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। 20 / 2020. किशोरावस्था में पहचान के संकट का क्या कारण है? A. "स्वयं" को जानने की तीव्र इच्छा B. उपरोक्त सभी C. बदलती सामाजिक अपेक्षाओं के कारण असमंजस D. शारीरिक परिवर्तनों के प्रति जागरूकता व्याख्या: किशोरावस्था में शारीरिक परिवर्तन, बदलती सामाजिक अपेक्षाएँ, और “स्वयं” को जानने की तीव्र इच्छा, सभी मिलकर पहचान के संकट का कारण बन सकते हैं। Please insert your information to see your ranking अपनी Ranking जानने के लिए कृपया अपनी जानकारी भरे NamePhone Number Your score isThe average score is 0% 0% Restart quiz Category: Class 11 Home Science in Hindi