समाजशास्त्र: अनुसंधान पद्धतियाँ BK 1 Ch (5) Practice Quiz in Hindi Part 1 || Class 11 Sociology Practice Quizzes in Hindi Posted on March 8, 2025March 8, 2025 by Anshul Gupta0% 0 votes, 0 avg 0 समाजशास्त्र: अनुसंधान पद्धतियाँ BK 1 Ch (5) 1 / 201. दैनिक जीवन की भाषा में ‘वस्तुनिष्ठ’ का क्या अर्थ है? A. पूर्वाग्रह रहित B. केवल तथ्यों पर आधारित C. उपरोक्त सभी D. तटस्थ स्पष्टीकरण: ‘वस्तुनिष्ठ’ होने का तात्पर्य व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों, भावनाओं या व्याख्याओं से मुक्त होना है। 2 / 202. ‘व्यक्तिगत’ विधियाँ क्या हैं? A. घनिष्ठ सेटिंग्स में अनुसंधान B. उपरोक्त सभी C. छोटे पैमाने पर अनुसंधान D. एक शोधकर्ता को शामिल करने वाला अनुसंधान स्पष्टीकरण: व्यक्तिगत विधियाँ छोटे पैमाने पर शोध परियोजनाओं को संदर्भित करती हैं जिनमें आम तौर पर एक शोधकर्ता शामिल होता है जो सीमित संख्या में प्रतिभागियों के साथ गहन अध्ययन करता है। 3 / 203. समाजशास्त्र को सामाजिक विज्ञान क्यों कहा जाता है? A. यह उन चीजों के बारे में है जिन्हें लोग पहले से जानते हैं B. यह लोगों के जीवन के बारे में है C. यह सामाजिक समूहों, संस्थानों, मानदंडों और संबंधों के बारे में है D. यह उन तरीकों पर केंद्रित है जिनसे ज्ञान एकत्र किया जाता है स्पष्टीकरण: समाजशास्त्र को एक सामाजिक विज्ञान माना जाता है क्योंकि यह उन पद्धतियों और प्रक्रियाओं पर जोर देता है जिनके माध्यम से सामाजिक घटनाओं के बारे में ज्ञान एकत्र किया जाता है और उनका विश्लेषण किया जाता है। 4 / 204. समाजशास्त्र में वस्तुनिष्ठता के साथ एक समस्या क्या है? A. सच्चाई की कई प्रतिस्पर्धी व्याख्याएँ हैं B. सामाजिक दुनिया में सच्चाई के कई संस्करण होते हैं C. उपरोक्त सभी D. विभिन्न दृष्टिकोणों से चीजें अलग दिखती हैं स्पष्टीकरण: समाजशास्त्र में वस्तुनिष्ठता प्राप्त करना मुश्किल है क्योंकि सामाजिक घटनाओं की कई व्याख्याएँ और दृष्टिकोण हो सकते हैं, और ‘सच्चाई’ संदर्भ और व्यक्तिगत दृष्टिकोण के आधार पर भिन्न हो सकती है। 5 / 205. समाजशास्त्री अपने पूर्वाग्रहों से कैसे बचते हैं? A. अपने विचारों की कठोरता से जांच करके B. एक बाहरी व्यक्ति का दृष्टिकोण अपनाकर C. स्वयं की जांच में संलग्न होना D. उपरोक्त सभी स्पष्टीकरण: समाजशास्त्री अपने पूर्वाग्रहों को कम करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें आत्म-प्रतिबिंब, बाहरी दृष्टिकोण अपनाना और लगातार आत्म-जांच शामिल है। 6 / 206. समाजशास्त्र में ‘त्रिकोणासन’ का क्या अर्थ है? A. उपरोक्त सभी B. एक ही शोध समस्या पर कई तरीकों का उपयोग करना C. विभिन्न कोणों से किसी चीज़ की जांच करना D. विभिन्न तरीकों से किसी चीज़ को परिभाषित करना स्पष्टीकरण: त्रिकोणासन में एक शोध प्रश्न के अधिक व्यापक और विश्वसनीय उत्तर प्राप्त करने के लिए विभिन्न शोध विधियों का संयोजन शामिल है। 7 / 207. समाजशास्त्रियों को आम लोगों से क्या अलग करता है? A. वे जितना जानते हैं B. वे क्या जानते हैं C. वे अपना ज्ञान कैसे प्राप्त करते हैं D. वे कहाँ रहते हैं स्पष्टीकरण: समाजशास्त्री आम लोगों से इस मायने में अलग हैं कि वे कठोर शोध विधियों और वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करके ज्ञान प्राप्त करते हैं और उसका विश्लेषण करते हैं। 8 / 208. भागीदारी अवलोकन में क्या शामिल है? A. उस समाज या संस्कृति के साथ लंबी अवधि की बातचीत B. उपरोक्त सभी C. लोगों के जीवन के तरीके को सीखना D. अध्ययन किए जा रहे लोगों के बीच रहना स्पष्टीकरण: भागीदारी अवलोकन में शोधकर्ता को उस समुदाय में खुद को विसर्जित करना शामिल है जिसका वे अध्ययन कर रहे हैं, उनके जीवन में भाग लेना और उनके रीति-रिवाजों और व्यवहारों को सीधे देखना।9 / 209. प्राकृतिक विज्ञानों की तुलना में सामाजिक विज्ञानों में वस्तुनिष्ठ होना क्यों कठिन है? A. सामाजिक वैज्ञानिक उस दुनिया का हिस्सा हैं जिसका वे अध्ययन करते हैं B. उपरोक्त सभी C. सामाजिक दुनिया में सच्चाई के कई संस्करण होते हैं D. सामाजिक वैज्ञानिकों के व्यक्तिगत पूर्वाग्रह होते हैं स्पष्टीकरण: सामाजिक वैज्ञानिकों के लिए वस्तुनिष्ठता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वे उस सामाजिक दुनिया का अध्ययन करते हैं जिसका वे हिस्सा हैं, और उनके अपने पूर्वाग्रह और दृष्टिकोण हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सामाजिक घटनाओं की अक्सर कई व्याख्याएँ होती हैं, जिससे वस्तुनिष्ठ विश्लेषण और भी कठिन हो जाता है। 10 / 2010. ‘व्यक्तिपरक’ का क्या अर्थ है? A. उपरोक्त सभी B. मान्यताएं C. व्यक्तिगत मूल्यों पर आधारित D. पूर्वाग्रह स्पष्टीकरण: ‘व्यक्तिपरक’ जानकारी या विश्लेषण व्यक्तिगत दृष्टिकोण, मूल्यों और मान्यताओं से प्रभावित होता है। 11 / 2011. समाजशास्त्र में कई तरीके क्यों हैं? A. समाजशास्त्र में कई दृष्टिकोण हैं B. उपरोक्त सभी C. समाजशास्त्रीय सच्चाई का कोई एक तरीका नहीं है D. समाजशास्त्र में कई सच्चाइयाँ हैं स्पष्टीकरण: समाजशास्त्र में कई दृष्टिकोणों और विधियों का उपयोग यह दर्शाता है कि सामाजिक वास्तविकता को समझने के कई तरीके हैं, और कोई एक दृष्टिकोण सभी सामाजिक घटनाओं की व्याख्या नहीं कर सकता है। 12 / 2012. ‘द्वितीयक’ डेटा क्या है? A. अभिलेखों और कलाकृतियों के रूप में डेटा B. दस्तावेजों के रूप में डेटा C. उपरोक्त सभी D. पहले से मौजूद डेटा स्पष्टीकरण: द्वितीयक डेटा वह डेटा है जिसे पहले से ही किसी अन्य शोधकर्ता या संगठन द्वारा एकत्र किया गया है, जैसे सरकारी रिकॉर्ड, सर्वेक्षण डेटा या ऐतिहासिक दस्तावेज। 13 / 2013. ‘समग्र’ विधियाँ क्या हैं? A. कई शोधकर्ताओं को शामिल करने वाला अनुसंधान B. बड़े पैमाने पर अनुसंधान C. उपरोक्त सभी D. बड़ी संख्या में उत्तरदाताओं को शामिल करने वाला अनुसंधान स्पष्टीकरण: समग्र विधियाँ बड़े पैमाने पर शोध परियोजनाओं को संदर्भित करती हैं जिनमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को शामिल करते हुए व्यापक डेटा संग्रह शामिल होता है। 14 / 2014. समाजशास्त्र को ‘बहु-दिशात्मक’ विज्ञान क्यों कहा जाता है? A. उपरोक्त सभी B. इसमें परस्पर विरोधी विचार हैं C. इसमें सच्चाई के कई संस्करण हैं D. इसमें प्रतिस्पर्धी विचारों वाले क्षेत्र हैं स्पष्टीकरण: समाजशास्त्र को ‘बहु-दिशात्मक’ माना जाता है क्योंकि यह विभिन्न सैद्धांतिक दृष्टिकोणों और व्याख्याओं को समायोजित करता है, जिससे यह स्वीकार किया जाता है कि सामाजिक वास्तविकता को समझने का कोई एक तरीका नहीं है। 15 / 2015. ‘प्राथमिक’ डेटा क्या है? A. उपरोक्त सभी B. शोधकर्ता द्वारा एकत्र किया गया डेटा C. साक्षात्कार और सर्वेक्षणों के माध्यम से एकत्र किया गया डेटा D. नया डेटा स्पष्टीकरण: प्राथमिक डेटा वह डेटा है जिसे शोधकर्ता सीधे अपने शोध उद्देश्यों के लिए एकत्र करता है, जैसे साक्षात्कार, सर्वेक्षण या प्रयोगों के माध्यम से एकत्र किया गया डेटा। 16 / 2016. ‘स्वयं की जांच’ का क्या अर्थ है? A. अपने विचारों की जांच करना B. दूसरों के विचारों को अपनाना C. उपरोक्त सभी D. अपने काम का सावधानीपूर्वक दस्तावेजीकरण करना स्पष्टीकरण: स्वयं की जांच में एक शोधकर्ता के रूप में किसी की अपनी मान्यताओं की आलोचनात्मक जांच करना, साथ ही साथ अध्ययन किए जा रहे लोगों के दृष्टिकोण को समझने के लिए खुला रहना शामिल है। 17 / 2017. समाजशास्त्र में वस्तुनिष्ठता के बारे में वर्तमान दृष्टिकोण क्या है? A. यह एक पुराना दृष्टिकोण है B. यह एक भ्रामक अवधारणा है C. यह एक अप्राप्य आदर्श है D. यह प्राप्त करने की प्रक्रिया है स्पष्टीकरण: समाजशास्त्री अब वस्तुनिष्ठता को एक सतत प्रक्रिया के रूप में देखते हैं, न कि पूर्ण रूप से प्राप्त करने योग्य अंतिम बिंदु के रूप में। वे स्वीकार करते हैं कि पूर्ण वस्तुनिष्ठता भ्रामक हो सकती है, लेकिन कठोर विधियों के माध्यम से वस्तुनिष्ठता के लिए प्रयास करना अभी भी एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। 18 / 2018. मात्रात्मक और गुणात्मक विधियों में क्या अंतर है? A. गुणात्मक विधियाँ अमूर्त घटनाओं का अध्ययन करती हैं B. मात्रात्मक विधियाँ अवलोकन योग्य व्यवहार का अध्ययन करती हैं C. उपरोक्त सभी D. मात्रात्मक विधियाँ गणना और माप का उपयोग करती हैं स्पष्टीकरण: मात्रात्मक विधियाँ संख्यात्मक डेटा और सांख्यिकीय विश्लेषण पर जोर देती हैं, जबकि गुणात्मक विधियाँ गहन समझ और सामाजिक घटनाओं की व्याख्या के लिए गैर-संख्यात्मक डेटा जैसे साक्षात्कार और टिप्पणियों का उपयोग करती हैं।19 / 2019. पद्धतिगत मुद्दों का संबंध किससे है? A. वैज्ञानिक ज्ञान एकत्र करने की सामान्य समस्या B. अध्ययन की एक विशिष्ट विधि C. उपरोक्त सभी D. तकनीक या प्रक्रिया स्पष्टीकरण: पद्धतिगत मुद्दे वैज्ञानिक ज्ञान एकत्र करने में व्यापक चुनौतियों और विचारों से संबंधित हैं, न कि किसी विशिष्ट पद्धति या तकनीक से। 20 / 2020. ‘पद्धति’ शब्द का क्या अर्थ है? A. अध्ययन का तरीका B. प्रक्रिया C. उपरोक्त सभी D. कार्यप्रणाली स्पष्टीकरण: ‘पद्धति’ शब्द अध्ययन के तरीके, कार्यप्रणाली या ज्ञान एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। Please insert your information to see your ranking अपनी Ranking जानने के लिए कृपया अपनी जानकारी भरे NamePhone Number Your score isThe average score is 0% 0% Restart quiz Category: Class 11 Sociology Quizzes in Hindi